देखा है मैने करीब से | इस जहाँ को गेहराई से | एक इन्सान को बदलते हुए | देखा है मैने करीब से..
आँखे से टपकते खून को | अकेलेपन के स्मशान को | एक सच्चे प्यार को हारते हुए | देखा है मैने करीब से..
रीश्तोंको मरते हुए | वादोंके तुटते हुए | बिछड़ते उस बविष्य को | देखा है मैने करीब से..
अपना पराया हो जाना | प्यार नफरत मैं बदलना | अच्छे कर्मोंका बुरा अंजाम | देखा है मैने करीब से..
जिसने जन्नत दिखलाया | मुझसे गेहरा प्यार किया | उसीने दिये मौत को | देखा है मैने करीब से..
जिसके लिये दुनिया छोडी | जिसे हर वोह बात केह दी | उसीके हर झूठे ग्वाँहींको | देखा है मैने करीब से..
जिसे मैने भगवान माना | माँ, बेटी और बेहेन जाना | उसीके पैर की ठोकरोंको | देखा है मैने करीब से..
उसके चाहत भरे मौसम को | उसके हर एक जीस्म को | एक बेवफा के प्यार को | देखा है मैने करीब से..
दुनिया के सामने वोह अच्छी है | पर अंदर से तोह कुछ और ही है..
कोई ना जान सका उस "और" को... हाँ.. जाना है मैने करीब से..
- Sumiet23
(This Article was written in the remembrance of Manu)
आँखे से टपकते खून को | अकेलेपन के स्मशान को | एक सच्चे प्यार को हारते हुए | देखा है मैने करीब से..
रीश्तोंको मरते हुए | वादोंके तुटते हुए | बिछड़ते उस बविष्य को | देखा है मैने करीब से..
अपना पराया हो जाना | प्यार नफरत मैं बदलना | अच्छे कर्मोंका बुरा अंजाम | देखा है मैने करीब से..
जिसने जन्नत दिखलाया | मुझसे गेहरा प्यार किया | उसीने दिये मौत को | देखा है मैने करीब से..
जिसके लिये दुनिया छोडी | जिसे हर वोह बात केह दी | उसीके हर झूठे ग्वाँहींको | देखा है मैने करीब से..
जिसे मैने भगवान माना | माँ, बेटी और बेहेन जाना | उसीके पैर की ठोकरोंको | देखा है मैने करीब से..
उसके चाहत भरे मौसम को | उसके हर एक जीस्म को | एक बेवफा के प्यार को | देखा है मैने करीब से..
दुनिया के सामने वोह अच्छी है | पर अंदर से तोह कुछ और ही है..
कोई ना जान सका उस "और" को... हाँ.. जाना है मैने करीब से..

- Sumiet23
(This Article was written in the remembrance of Manu)
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